हाँ आऊँगी मैं रोज लेट बस....एक दिन लेट क्या हो गई घर सर पर उठा लिया..... बेटा मैं तो बस इत्ता कह रहा था कि...बस अब्बू अब कुछ नही सुनना मुझे तंग आ गई इस रोज रोज की खिटपिट से.....मुझे अपने पिंजरे की चिड़िया न समझना...कि कैद में रखोगे । और इसके बाद दोनों तरफ... Continue Reading →
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Poor son/Coercive
बुलंदी जिसकी चाहत थी चटाई पर उतर आए लगाई ताज को ठोकर गदाई पर उतर आए जो देखा मां को तन्हाई में सूखी रोटियां खाते तो बच्चे फेंककर बस्ता कमाई पर उतर आए ...
मैं मौन नहीं हूँ / मैं बोलूँगा
तू जब राह से भटकेगा , मैं बोलूँगा मुझको कुछ भी खटकेगा , मैं बोलूँगा सच का लहजा थोड़ा टेढ़ा होता है तू कहने में अटकेगा , मैं बोलूँगा विश्वासों का शीशा नाज़ुक होता है ये शीशा जब चटकेगा , मैं बोलूँगा मीठे-मीठे वादों के मत बाग़ दिखा वादों से जब भटकेगा , मैं बोलूँगा... Continue Reading →
Election Sayri / चुनाव शायरी
मेरे शहर का चुनाव भी, तेरे इश्क जैसा था, हवा इधर की थी, रूझान उधर का निकला... #Election_Sayri #Deep Follow my page to get new sayri as you like more to more.... 👇👇👇 Amardeepsahuias.blogspot.com
किराये की साइकिल , हक अपना 🚲 🚲
🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲 पहले (1985-1995) हम लोग गर्मियों में किराए की छोटी साईकिल लेते थे, अधिकांस लाल रंग की होती थी जिसमें पीछे कैरियर नहीं होता। जिससे आप किसी को डबल न बैठाकर घूमे। किराया शायद 25-50 पैसे प्रति घंटा होता था किराया पहले लगता था और दुकानदार नाम पता नोट कर लेता था । किराये के... Continue Reading →
पास मेरे अब तुम आ जाओ
तुम्हीं बताओ प्रिय तुम बिन मैं कब तक रहूँ अकेला ! पास मेरे अब तुम आ जाओ दर्द बहुत है झेला !! एक दिया हम एक ही बाती कब तक दूर रहेंगे ! रोज़ रात ख़्वाबों में केवल , कब तक मिला करेंगें !! नफ़रत की इस दुनिया में ये लोग करेंगें मेला ! पास मेरे अब... Continue Reading →
प्रियतमा की आस …
दे कर इन आँखों को इक आस फिर क्यों करती हो मुझे निराश कब खत्म होगी बेरुखी तेरी ऐ जिंदगी तोड़ दो इस रिश्ते को मत करो कुछ जिससे हो मुझे आभास ।। #Deep #Amardeepsahudeep
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