‘तुम पहली थी, पर आख़िरी नहीं। मैंने प्यार करना नहीं छोड़ा। बहुत बार प्यार हुआ, बहुत लोगों से प्यार हुआ। लेकिन एक पड़ाव हर बार ऐसा आता कि मुझे लगता मैं तुम्हें ही दोहरा रहा हूँ, जैसे कोई बच्चा ग्यारह का पहाड़ा दोहराता हो। तुम मेरे जीवन का ग्यारह का पहाड़ा हो।’
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